आधार डिजिटल फ्रॉड और सुरक्षा उपाय

भारत में डिजिटल सेवाएं जितनी तेज़ी से बढ़ी हैं, उतनी ही तेज़ी से आधार डिजिटल फ्रॉड के मामले भी सामने आए हैं। आधार आज सिर्फ पहचान नहीं है, बल्कि बैंक, मोबाइल और सरकारी सेवाओं की चाबी बन चुका है।

यहीवजह है कि ठग अब सिस्टम हैक करने से ज़्यादा लोगों को बहकाने पर ध्यान देते हैं।



आधार डिजिटल फ्रॉड असल में कैसे होता है?

अधिकतर मामलों में:

  • आधार सिस्टम सुरक्षित रहता है
  • गलती यूज़र या लोकल लेवल पर होती है
  • ठग डर और जल्दी का फायदा उठाते हैं

“आपका आधार बंद हो जाएगा” जैसे वाक्य काफी होते हैं।



सबसे आम आधार जुड़े स्कैम

फर्जी आधार अपडेट कॉल

कॉलर खुद को अधिकारी बताकर OTP या दस्तावेज़ मांगता है।



OTP शेयरिंग स्कैम

OTP मांगकर आधार लिंक्ड सेवाओं में घुसपैठ की जाती है।



नकली KYC लिंक

SMS या WhatsApp से फर्जी वेबसाइट पर भेजा जाता है।



बायोमेट्रिक का गलत इस्तेमाल

लोकल सेंटर पर बिना जानकारी के फिंगरप्रिंट यूज़ किया जाता है।



आधार की फोटो कॉपी का दुरुपयोग

अनमास्क्ड कॉपी से पहचान की चोरी होती है।



थोड़ी सी जानकारी भी क्यों खतरनाक हो सकती है?

पूरा आधार नंबर न होने पर भी:

  • पहचान का गलत इस्तेमाल हो सकता है
  • फर्जी वेरिफिकेशन ट्राई किए जा सकते हैं

इसलिए डेटा कम शेयर करना ज़रूरी है।



UIDAI के जरूरी सुरक्षा टूल

  • मास्क्ड आधार: पहले 8 अंक छुपे रहते हैं
  • बायोमेट्रिक लॉक: फिंगरप्रिंट से वेरिफिकेशन बंद
  • यूज़ हिस्ट्री चेक: आधार कहां इस्तेमाल हुआ देखें



सुरक्षित रहने की आसान आदतें

  • OTP कभी शेयर न करें
  • आधार फोटो फोन में सेव न रखें
  • बायोमेट्रिक लॉक रखें
  • सिर्फ ऑफिशियल साइट और ऐप यूज़ करें



शक होने पर क्या करें?

  • तुरंत शेयरिंग रोकें
  • बायोमेट्रिक लॉक करें
  • यूज़ हिस्ट्री देखें
  • साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें



FAQs

क्या आधार सिस्टम हैक होता है?

नहीं, ज़्यादातर केस यूज़र लेवल की गलती से होते हैं।



क्या मास्क्ड आधार सुरक्षित है?

हां, यह ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।



क्या बिना OTP के फ्रॉड हो सकता है?

हां, दस्तावेज़ या बायोमेट्रिक से।