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Google Ads कमाई गिरने का ग्राफ और घटते RPM CPM का चित्र
2025 में Google Ads की कम होती कमाई का दृश्यात्मक चित्रण

Google Ads कमाई में गिरावट: नवंबर–दिसंबर 2025 में RPM/CPM क्यों क्रैश हुआ

प्राइवेसी बदलाव, विज्ञापन खर्च में कमी और GPC सिग्नल के कारणों का पूरा विश्लेषण

नवंबर और दिसंबर 2025 ने दुनिया भर के वेब पब्लिशर्स को चौंका दिया। जिन वेबसाइटों पर रोज़ स्थिर ट्रैफिक आता था, जिनके RPM/CPM सालों से एक निश्चित दायरे में रहते थे अचानक उनके विज्ञापन राजस्व में 40%, 60%, और कई मामलों में 80% तक की गिरावट देखने को मिली।

सोशल मीडिया, Reddit और पब्लिशर समुदायों में इसका ज़िक्र इतनी तेज़ी से फैलने लगा कि यह सवाल उठने लगा आखिर Google Ads (AdSense/Ad Manager) की कमाई इतनी तेज़ी से क्यों गिर रही है? क्या यह कोई तकनीकी समस्या है, मौसमी उतार-चढ़ाव है, या फिर डिजिटल विज्ञापन बाज़ार में कोई गहरा बदलाव चल रहा है?

इस लेख में हम यही समझते हैं इस “कमाई में गिरावट” के असली कारण क्या हैं, यह कितना गंभीर है, और पब्लिशर्स को आगे क्या करना चाहिए।


पब्लिशर्स क्या महसूस कर रहे हैं: RPM/CPM में ऐतिहासिक गिरावट

वैश्विक पब्लिशर समुदायों में रिपोर्ट की गई आम समस्याएँ:

    • RPM/CPM में 30–50% की गिरावट, जबकि ट्रैफिक स्थिर है।
    • कुछ मामलों में $7 RPM गिरकर $0.80 तक पहुँचा।
    • कई साइटों पर राजस्व 70–90% तक नीचे चला गया।
    • बॉट ट्रैफिक बढ़ने से इम्प्रेशन तो बढ़े, लेकिन कमाई गिर गई।

कुल मिलाकर स्थिति यह बताती है कि समस्या व्यक्तिगत वेबसाइटों की नहीं बल्कि पूरे इकोसिस्टम की है।


गिरावट के मुख्य कारण: आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

2025 के अंतिम महीनों में कई बड़े बदलाव एक साथ हुए। नीचे वे सबसे महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनके मिलकर काम करने से यह crash हुआ:


1. प्राइवेसी बदलाव और GPC/Privacy Sandbox का प्रभाव

2025 में Google ने प्राइवेसी को लेकर बड़े बदलाव किए। Chrome में Privacy Sandbox के तहत थर्ड-पार्टी कुकीज़ को चरणबद्ध तरीके से कम किया जा रहा है।

इसके तीन बड़े असर पड़े:

    1. यूज़र-लेवल टार्गेटिंग कमजोर हुई,
    2. विज्ञापनदाताओं के पास कम डेटा उपलब्ध रहा,
    3. बोली लगाने (bidding) में अनिश्चितता बढ़ गई

इसका सीधा नतीजा विज्ञापनदाता प्रीमियम कीमत देने में हिचकने लगे, और CPM गिरने लगे।

यानी जितनी कम यूज़र-टार्गेटिंग → उतनी कम विज्ञापन की कीमत।

यह पूरी दुनिया में दिख रहा है।


2. Google का पूरा CPM मॉडल पर शिफ्ट होना

पहले AdSense क्लिक-आधारित (CPC) कमाई पर काफी निर्भर था।

2025 में Google ने लगभग सभी पब्लिशर्स को eCPM/CPM मॉडल पर शिफ्ट कर दिया।

समस्या यह है:

    • कई साइटें क्लिक के दम पर ज्यादा कमाती थीं।
    • CPM मॉडल में केवल “इम्प्रेशन” मायने रखते हैं, क्लिक नहीं।
    • इससे उन पब्लिशर्स की कमाई आधी से भी कम हो गई जिनकी CTR उच्च थी।

Google का दावा था कि कमाई पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन ज़मीन पर तस्वीर बिल्कुल उलटी दिख रही है।


3. Ad Networks के बजाय “Authorized Buyers” सिस्टम लागू होना

नवंबर 2025 में Google ने पब्लिशर्स के एक पुराने नियंत्रण को बदल दिया:

अब “Ad Networks blocking” के स्थान पर एक नया सिस्टम आया Authorized Buyers

इस बदलाव के प्रभाव:

    • सभी नए खरीदार (buyers) डिफ़ॉल्ट रूप से अनुमति प्राप्त हो गए।
    • इससे निचले स्तर के, कम भुगतान करने वाले खरीदार भी अधिक विजिबिलिटी पाने लगे।
    • इससे कम-बोली लगाने वाली कंपनियाँ अधिक इम्प्रेशन जीतने लगीं → CPM गिरने लगे।
    • यदि पब्लिशर किसी खरीदार को ब्लॉक करना चाहें तो 1 घंटे की देरी लगती है।

परिणाम: बोली लगाने की गुणवत्ता में तेज़ गिरावट।


4. विज्ञापनदाताओं का खर्च धीमा होना (Economic Slowdown)

दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता के कारण:

    • मार्केटिंग बजट धीमे पड़ गए
    • कंपनियाँ “ब्लाइंड” या कम-डेटा वाले विज्ञापनों पर खर्च घटा रही हैं
    • ब्रांड्स उच्च-कन्वर्ज़न वाले विज्ञापनों पर ध्यान दे रहे हैं, बड़े पैमाने पर impressions पर नहीं

यानी विज्ञापनदाता कम खर्च कर रहे हैं → बोली भी कम लगा रहे हैं → CPM/RPM गिर रहे हैं।


5. त्योहारों के महीने, लेकिन “Delayed Bidding” की समस्या

आम तौर पर नवंबर–दिसंबर विज्ञापन खर्च के golden months होते हैं।

लेकिन 2025 में यह ट्रेंड उलट गया। कारण:

    • कई विज्ञापनदाता देर से बजट जारी कर रहे हैं
    • कुछ performance signals का इंतजार करते हैं
    • कई सिर्फ Black Friday/Christmas के करीब आकर ज़्यादा बोली लगाते हैं

इस देरी से शुरुआत के हफ्तों में CPM असामान्य रूप से गिर गए, जिससे पब्लिशर्स को बड़ा झटका लगा।


6. बॉट ट्रैफिक और क्रॉलर गतिविधि

कई पब्लिशर्स ने बताया कि:

    • वेबसाइटों पर अत्यधिक स्क्रैपिंग
    • विदेशी bots/AI crawlers
    • server logs में लाखों “non-human hits”

इसका नुकसान:

    • इम्प्रेशन बढ़ते हैं लेकिन “वैल्यू” बेहद घट जाती है
    • विज्ञापनदाताओं को ऐसे impressions worthless लगते हैं
    • AdSense ऐसे traffic को low-quality मानकर कम बोली लगाता है

नतीजा RPM सीधे नीचे।


क्या यह सिर्फ अस्थायी गिरावट है? या एक बड़ी structural shift?

डिजिटल विज्ञापन क्षेत्र के कई संकेत बताते हैं कि यह गिरावट:

❌ सिर्फ मौसमी उतार-चढ़ाव नहीं है

❌ न ही कोई साधारण तकनीकी बग है

बल्कि यह एक सिस्टम-लेवल बदलाव है।

क्यों?

✔ कई बड़े बदलाव एक साथ लागू हुए

Privacy Sandbox + CPM Shift + Buyer Controls + Economic Slowdown

→ सभी ने मिलकर RPM पर भारी दबाव डाला।

✔ पब्लिशर के पास नियंत्रण कम होता जा रहा है

Google ने कई पुराने tools हटाए या सीमित कर दिए।

✔ targeting कमजोर होने से पूरा ad-market re-price हो रहा है

कम targeting = कम कीमत वाले ads।

यह सब “नया सामान्य” (new normal) भी बन सकता है।


अब पब्लिशर्स क्या करें? व्यवहारिक, असरदार समाधान

गिरावट से बचने के लिए पब्लिशर्स इन रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं:


1. Authorized Buyers को नियमित रूप से मॉनिटर करें

    • कम भुगतान करने वाले buyers को block करें
    • weekly analysis करें कि कौन से buyers लगातार low-bid लगा रहे हैं
    • इम्प्रेशन-जीतने वालों की सूची नियमित देखें

2. GA4 को AdSense/Ad Manager के साथ अच्छी तरह इंटीग्रेट करें

क्योंकि AdSense ने कई सेशन-आधारित metrics हटाए हैं,

अब GA4 ही मुख्य डेटा स्रोत है।

    • बॉट ट्रैफिक सेगमेंट्स पहचानें
    • कमजोर पेजों की user engagement जाँचें
    • high-value pages पर ad placements optimize करें

3. बॉट और क्रॉलर ट्रैफिक को रोकें

    • Cloudflare / WAF सुरक्षा लागू करें
    • unknown bots के लिए “challenge” rule सेट करें
    • server logs में suspicious IPs ब्लॉक करें

यह revenue गिरने की बड़ी वजहों में से एक है।


4. Ad Layout और Viewability सुधारें

    • high-viewability ad units लगाएँ
    • बहुत अधिक ads लगाने से RPM गिरता है density संतुलित रखें
    • lazy-loading ads अपनाएँ
    • mobile layout को optimize करें

5. एक ही स्रोत पर निर्भरता कम करें

सिर्फ Google Ads पर निर्भर रहना अब जोखिम है।

ज़्यादा स्थिर आय के लिए:

    • Affiliate
    • Direct sponsorships
    • Programmatic alternatives
    • Newsletter ads
    • Paid community / courses

इनका उपयोग करें।


6. लंबी अवधि का डेटा देखें, panic न करें

    • 1–2 हफ्ते नहीं, 3–6 महीने का comparative data देखें
    • Q4 का सालाना व्यवहार समझें
    • auction behavior को पढ़ें

RPM में उतार-चढ़ाव सामान्य है, लेकिन 2025 का dip संरचनात्मक था इसका मतलब है कि रिकवरी समय ले सकती है।


निष्कर्ष: यह गिरावट असली है लेकिन संभलने का रास्ता भी है

नवंबर–दिसंबर 2025 की कमाई में गिरावट एक चेतावनी है कि डिजिटल विज्ञापन जगत गहरे बदलाव से गुज़र रहा है।

Privacy, bidding systems, buyer controls, और आर्थिक कारक इन सबने मिलकर RPM/CPM को तेजी से नीचे धकेला है।

पर अच्छी बात यह है:

    • जो पब्लिशर्स जल्दी अनुकूलित होते हैं
    • ट्रैफिक गुणवत्ता सुधारते हैं
    • ad settings को मजबूत करते हैं
    • और Google पर 100% निर्भरता छोड़ते हैं

वे इस बदलाव के बाद भी स्थिर और बेहतर कमाई कर सकते हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

1. यह गिरावट सिर्फ मौसमी है या हमेशा के लिए?

यह गिरावट पूरी तरह से मौसमी नहीं दिखती। नवंबर–दिसंबर के महीनों में ट्रेडिशनल विज्ञापन स्पेंड जरूर तेज़ बढ़ने का इतिहास है, लेकिन इस बार यह गिरावट संरचनात्मक बदलावों का नतीजा है जैसे प्राइवेसी-सिग्नल बदलाव, CPM-मॉडल की शिफ्ट, और Authorized Buyers सिस्टम। इसलिए, संभावना है कि यह “नया सामान्य” हो सकता है, न कि सिर्फ एक अस्थायी झटका।


2. क्या ये बदली हुई नीतियाँ सिर्फ गूगल चैनलों (AdSense / Ad Manager) को प्रभावित कर रही हैं?

जी हाँ और नहीं। बहुत से परिवर्तन (जैसे प्राइवेसी-सैंडबॉक्स, GPC सिग्नल, कुकी की कमी) पूरे डिजिटल विज्ञापन इकोसिस्टम को प्रभावित कर रहे हैं, न केवल गूगल को। हालांकि, गूगल के प्लेटफॉर्म पर ये बदलाव विशेष रूप से गहराई से महसूस किए जा रहे हैं क्योंकि AdSense / Ad Manager CPM-बेज़ मॉडल में ज्यादा निर्भर हो गए हैं।


3. क्या छोटे पब्लिशर्स के लिए यह संकट बड़ा है?

हाँ छोटे और मीडियम पब्लिशर्स इस बदलाव से बहुत प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि उनका नियंत्रण सीमित हो सकता है (जैसे कम टेक्निकल रिसोर्स, सीमित एनालिसिस, अल्प-वर्गी ट्रैफिक). लेकिन यह पूरी तरह से संकट ही नहीं है अगर वे ट्रैफिक की गुणवत्ता बढ़ाएँ, बॉट ट्रैफिक नियंत्रित करें, और अपनी आय के स्रोतों को विविध बनायें (जैसे ऐफ़िलिएट, स्पॉन्सरशिप), तो वे इस बदलाव के बाद भी माइक्रो-स्टेबिलिटी हासिल कर सकते हैं।


4. क्या इस स्थिति में हमें Google Ads छोड़कर अन्य विज्ञापन नेटवर्क या मॉडल पर जाना चाहिए?

यह एक समझदारी भरा विकल्प हो सकता है। गूगल पर पूरी निर्भरता जोखिम बढ़ा सकती है, खासकर जब CPM सपोर्ट कमजोर हो रहा हो। अन्य विकल्प जैसे दूसरे प्रोग्रामैटिक नेटवर्क, डायरेक्ट स्पॉन्सरशिप, सामग्री-सह-प्रायोजन, सब्सक्रिप्शन, और अफ़िलिएट मार्केटिंग को जोड़कर आप अपने राजस्व के स्रोतों को मजबूत कर सकते हैं।


5. गूगल की रिपोर्टिंग में बदलाव के कारण हमें अपने एनालिटिक्स कैसे बदलना चाहिए?

गूगल AdSense ने कुछ सेशन-लेवल मेट्रिक्स (जैसे सत्र RPM) को बंद या सीमित करना शुरू कर दिया है, इसलिए Google Analytics 4 (GA4) को पूरी तरह उपयोग करना बहुत ज़रूरी है। GA4 आपको ट्रैफिक क्वालिटी, बॉट डिटेक्शन, पेज एंगेजमेंट और उपयोगकर्ता व्यहवार को बेहतर ट्रैक करने में मदद करेगा, जिससे आप अपनी मोनेटाइजेशन रणनीति को अधिक सूझ-बूझ के साथ सुधार सकते हैं।


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