
आप टूटे नहीं हैं - आप बस धीरे-धीरे खुद को बेहतर बनाना सीख रहे हैं
Personal growth and improvement yourself परफेक्ट होने की चीज़ नहीं है - ये सच्चे होने की प्रक्रिया है।
मैं सोचता था कि मुझे सबकुछ एकसाथ ठीक करना होगा
एक समय था जब मुझे लगता था कि "improvement yourself" का मतलब है खुद को पूरी तरह से रीसेट कर देना।
नई आदतें, नया रूटीन, नई सोच।
मैंने एक लंबी लिस्ट बनाई थी कि मुझे बेहतर बनने के लिए क्या-क्या बदलना है।
लेकिन हर बार जब मैंने उस लिस्ट को फॉलो करना शुरू किया, मैं कुछ ही दिनों में थककर छोड़ देता।
मैं सोचता था कि मैं ज़्यादा कोशिश नहीं कर रहा।
लेकिन सच्चाई ये थी मैं खुद को ज़बरदस्ती उस इंसान की तरह बनाने की कोशिश कर रहा था, जिसके लिए मैं अभी तैयार ही नहीं था।
Personal growth के इस हिस्से के बारे में कोई बात नहीं करता वो गड़बड़, चुपचाप, धीमा हिस्सा जहाँ बाहर से कुछ नहीं बदल रहा, लेकिन आप भीतर से बदल रहे होते हैं।
यही वो जगह है जहाँ self grow वास्तव में होता है।
“खुद को बेहतर बनाने” की जल्दी में फंसना
ईमानदारी से कहूं तो म एक ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जो तेज़ी से बदलने को सफलता मानती है।
हर चीज़ आपको यही कहती है: "अभी बेहतर बनो!"
30 दिन में लाइफ चेंज करो। नए इंसान बन जाओ।
लेकिन अगर मैं कहूं कि improving on yourself कोई रेस नहीं है ल्कि एक शांत, धीमा सफ़र है, जो आपको खुद के असली रूप तक लेकर जाता है?
मैं “improvement yourself” की जल्दी में कई बार झूठे शुरूआतों में फंस गया था।
नई ऐप्स डाउनलोड करता, प्लानर सेट करता, जल्दी उठता फिर कुछ ही दिनों में टूट जाता।
क्यों?
क्योंकि मैं असल में खुद को नहीं बना रहा था बल्कि दूसरों की लाइफ देखकर उनकी कॉपी बना रहा था।
Personal growth कोई प्रोजेक्ट नहीं है यह एक रिश्ता है, अपने आप से।
और हर रिश्ते की तरह इसमें समय, भरोसा और ईमानदारी चाहिए।
Self Grow असल ज़िंदगी में कैसा दिखता है (बिलकुल भी ग्लैमरस नहीं)
Self grow इंस्टाग्राम रील जैसा नहीं दिखता।
यह कुछ ऐसा होता है:
- “नहीं” कहना और उस पर आने वाले गिल्ट को झेलना।
- ये मान लेना कि आपके पास सभी जवाब नहीं हैं यहां तक कि उन लोगों के सामने भी जिनके सामने आप हमेशा मज़बूत दिखते हैं।
- थकावट में खुद को आराम देना इनाम की तरह नहीं, हक की तरह।
- डायरी में बार-बार एक ही सच्चाई लिखना जिसे आप महीनों से टाल रहे थे।
यही असली growth है।
Self grow तब भी होता है जब आप लैपटॉप खोलकर खाली स्क्रीन पर एक अजीब सा पैराग्राफ लिखते हैं और वो आपको बेहतर महसूस कराता है।
या जब आप किसी का मैसेज वापस करते हैं, जबकि आपका मन कहता है “इससे क्या होगा?”
या जब आप एक बार फिर खुद के लिए पानी का ग्लास भर लेते हैं।
माफ़ी मांगते हैं।
या बस चुपचाप स्वीकार करते हैं कि आप बेहतर होना चाहते हैं भले ही रास्ता अभी न पता हो।
Improving on Yourself का मतलब है धीरे-धीरे आगे बढ़ना
आपको हमेशा अपने growth का एहसास नहीं होगा।
कभी-कभी हफ़्तों बाद ही आपको महसूस होगा कि आपने किसी मुश्किल बात को बिना टूटे संभाल लिया।
या जो चीज़ पहले आपको परेशान कर देती थी, अब उतनी भारी नहीं लगती।
यही होता है improving on yourself
ना ज़ोर-शोर से, ना परफेक्शन से बल्कि चुपचाप, पूरे दिल से।
Personal growth and transformation मंज़िल नहीं है,
यह वो अभ्यास है जहाँ आप खुद के साथ बैठना सीखते हैं चाहे परिस्थिति जैसी भी हो।
हम बदलाव को बड़ा और नाटकीय होते देखना चाहते हैं।
लेकिन सच्चाई यह है जो बदलाव सबसे गहरे होते हैं, वो बिना शोर के आते हैं।
हम खुद को grow personally करने में इतना मुश्किल क्यों बना देते हैं?
हमें लगता है कि बदलाव तभी असली होता है जब वह दर्दनाक हो।
जैसे अगर हम संघर्ष नहीं कर रहे, तो हम सही से grow नहीं कर रहे।
लेकिन ये सोच एक झूठ है जो hustle और performance से भरे कल्चर ने हमें सिखा दी है।
आपको grow personally करने के लिए दर्द से गुज़रने की ज़रूरत नहीं।
ज़रूरत है तो सिर्फ सच्चाई की।
आपको एकदम तैयार होने की ज़रूरत नहीं
Improving yourself तब भी हो सकता है जब आप डरे हुए हों, जब आप थोड़ा खोए हुए हों।
ज़रूरी है कि आप फिर भी आगे बढ़ते रहें।
Personal Growth और सुकून साथ-साथ चल सकते हैं
अक्सर लगता है कि growth मतलब है सब कुछ तोड़ना, सबको छोड़ देना, खुद को पूरी तरह से बदल देना।
लेकिन मैंने सीखा सच्चा personal growth और inner peace एक-दूसरे के दुश्मन नहीं हैं।
जब आप उस version को पकड़ना छोड़ते हैं जो दूसरों को दिखाने के लिए बना था,
और उस version को सुनना शुरू करते हैं जो अंदर से बोल रहा है तो बहुत कुछ हल्का हो जाता है।
आप काम guilt से नहीं विश्वास से करते हैं।
आप साबित करने के लिए नहीं महसूस करने के लिए जीते हैं।
आपको सब कुछ ठीक नहीं करना होता बस एक चीज़ को देखना होता है, आज।
सच्चाई ये है: आप पहले से ही Grow कर रहे हैं
अगर आप ये लेख यहां तक पढ़ चुके हैं तो मैं जानता हूं कि आप में कुछ बदल रहा है।
इसका मतलब है आप ध्यान दे रहे हैं।
आप परवाह करते हैं।
आप पहले से ही grow personally कर रहे हैं भले ही आपको एहसास न हो।
तो उस perfect plan का इंतज़ार मत कीजिए।
या उस "बेहतर version" का जो शायद कभी नहीं आएगा।
आपको और करने की ज़रूरत नहीं।
आपको बस इस बात को मानने की ज़रूरत है कि आप जो कर रहे हैं वही काफी है।
अंतिम पंक्ति (याद रखने लायक एक वाक्य):
आप सब कुछ ठीक करके नहीं grow करते आप सच्चे होकर grow करते हैं, हर दिन थोड़ा-थोड़ा।