
साइड हसल सबक: मेरी पहली स्किल असफलता की कहानी
एक असफल साइड बिज़नेस, ज़्यादा घमंड और आत्म विकास की असली समझ
मेरी पहली साइड हसल से एक भी इंसान ने कुछ नहीं खरीदा।
मैंने इसे बनाने में छह महीने लगाए - देर रातों तक काम, वीकेंड्स मिस करना, दोस्तों की कॉल्स इग्नोर करना।
मुझे यकीन था कि ये मेरी “बड़ी” आइडिया थी।
नाम था “SkillCrate” - हर महीने एक नई क्रिएटिव स्किल सीखने की सब्सक्रिप्शन बॉक्स। ओरिगामी, वॉटरकलर, ब्रश लेटरिंग, कोडिंग - सब कुछ था।
ब्रांडिंग थी। पैकेजिंग थी। जुनून भी था।
बस ग्राहक नहीं थे।
साइड बिज़नेस जो कभी उड़ान नहीं भर सका
मैंने दर्जनों सक्सेस स्टोरीज पढ़ीं थीं -
"कैसे मैंने पहली फ्रीलांसिंग जॉब में ₹2 लाख कमाए"
"कैसे मेरा साइड हसल 6 महीने में फुलटाइम इनकम बन गया"
तो मुझे लगा, मैं भी कर सकता हूँ।
डोमेन खरीदा, Canva में लोगो बनाया, Shopify पर वेबसाइट खड़ी की, और अपने छोटे से कमरे में हजारों रुपये का सामान भर लिया।
सब कुछ परफेक्ट लग रहा था। लेकिन एक चीज़ भूल गया -
मैंने कभी किसी से पूछा ही नहीं कि क्या उन्हें इसकी ज़रूरत है।
मैंने बस मान लिया कि अगर मुझे अच्छा लग रहा है, तो बाकी लोगों को भी लगेगा।
यही मेरी पहली बड़ी गलती थी।
साइड हसल जॉब्स सिखाते हैं कि मेहनत दिखती नहीं, काम का रिज़ल्ट दिखता है। और मेरा साइड हसल किसी की भी ज़रूरत हल नहीं कर रहा था।
असली चोट कहाँ लगी
दो महीने वेबसाइट चलाने के बाद, मैंने चुपचाप सब बंद कर दिया।
कोई “लास्ट लॉन्च” नहीं, कोई पोस्ट नहीं।
बस - डोमेन एक्सपायर हो गया, और मैं आगे बढ़ गया।
मैंने खुद से कहा, “अभी ऑफिस बहुत बिज़ी है।”
लेकिन अंदर ही अंदर मैं शर्मिंदा था। एकदम खाली।
सब लोग Instagram पर अपने साइड हसल ग्रोथ के रील्स डाल रहे थे… और मैं? मैं एक फेल्ड स्टार्टअप का अकेला दर्शक था।
साइड बिज़नेस से मेरी उम्मीदें बहुत बड़ी थीं - लेकिन मेरा ध्यान स्किल्स पर नहीं, बस सफलता पर था।
आत्म विकास जो मैंने कभी प्लान नहीं किया था
कुछ हफ्तों बाद मैंने फिर से पढ़ना शुरू किया - लेकिन अब मोटिवेशनल नहीं, बल्कि फेल्यर की कहानियाँ।
असफलता, ईगो और बेसिक से शुरू करने के बारे में।
एक आर्टिकल खासतौर पर याद रह गया - "नई स्किल सीखना मेरी ज़िंदगी बदल गया"।
उसने मेरी आँखें खोल दीं।
मैंने बिना स्किल सीखे पैसे कमाने की कोशिश की थी।
जैसे कोई बिना सीखे म्यूजिक एल्बम लॉन्च कर दे।
तो मैंने सब रोक दिया।
बस एक स्किल पर फोकस किया: कॉपीराइटिंग।
कोई वेबसाइट नहीं, कोई चार्ज नहीं।
मैंने छोटे लोकल बिज़नेस को फ्री में कॉपी लिखने का ऑफर दिया।
और उन्होंने “हाँ” कहा।
वो "हाँ" सुनकर जो सुकून मिला - वो 10 हज़ार इंस्टाग्राम लाइक्स से ज़्यादा था।
अब की बार शांति में सफलता
अब एक साल हो चुका है।
मैं करोड़पति नहीं बना।
अब भी नौकरी करता हूँ।
लेकिन अब मैं कुछ रेगुलर क्लाइंट्स के लिए फ्रीलांस कॉपीराइटिंग करता हूँ।
वो भी बिना जलने, भागने, या जलाने वाले इंस्टा पोस्ट के।
अब फ्रीलांसिंग की आज़ादी मेरे लिए मतलब रखती है - सच में।
असली साइड हसल वही है जो धीरे-धीरे आपके साथ बढ़ता है।
और आत्म-विकास (self grow) भी।
अगर आप अपनी साइड हसल की शुरुआत कर रहे हैं, तो मेरा छोटा सा सुझाव है -
जो चीज़ चुपचाप टिक जाए, उसी पर ध्यान दें।
ना कि जो सबसे ज़्यादा शोर मचाए।
यहीं से असली personal growth शुरू होती है।