धरती का प्रकोप

धरती जीवित है। ज्वालामुखी फटते हैं, भूकंप हिलाते हैं, और समुद्र से सुनामी उठती है - यह सब धरती के भीतर की ऊर्जा से होता है।

प्लेटों का नृत्य

धरती की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेटें लगातार हिलती रहती हैं। इनके टकराने या फिसलने से भूकंप और ज्वालामुखी बनते हैं।

ज्वालामुखी शक्ति

जब मैग्मा सतह की ओर बढ़ता है तो दबाव के कारण विस्फोट होता है। यह नई भूमि बनाता है और जलवायु पर असर डालता है।

भूकंप का कारण

भूकंप फॉल्ट लाइनों के पास होते हैं, जहाँ दबाव अचानक मुक्त होता है - जिससे धरती कांप उठती है।

समुद्र का कोप

पानी के नीचे भूकंप या विस्फोट सुनामी को जन्म देते हैं - विशाल लहरें जो तटीय इलाकों को नष्ट कर देती हैं।

वैश्विक असर

ऐसी आपदाएँ जीवन और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं - जैसे वैश्विक राजनीति और तकनीक में बदलाव करते हैं।

पूर्वानुमान

वैज्ञानिक भूकंपीय सेंसर और उपग्रह डेटा से गतिविधि पर नज़र रखते हैं ताकि समय से चेतावनी दी जा सके।

तैयारी

अर्ली वार्निंग सिस्टम और अभ्यास से जानें बचाई जा सकती हैं। जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।

धरती का सबक

हर आपदा हमें सिखाती है कि धरती की ताकतें हमारे भविष्य को आकार देती हैं। समझना ही सुरक्षा है।

सतर्क रहें

ज्ञान से जीवन सुरक्षित बनता है। प्रकृति की शक्ति को समझें और तैयार रहें।

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