परिचय

वायरल पोस्ट और तेज़ खबरों की इस दुनिया में सच्चाई अक्सर शोर में खो जाती है। आइए सीखें, कैसे पहचानें असली और नकली खबरें।

सूचना की बाढ़

हर दिन अरबों पोस्ट हमारे पास पहुँचती हैं। कुछ सच्ची होती हैं, कुछ भ्रामक। फर्क पहचानना ही आपकी डिजिटल ढाल है।

संकेत देखें

स्रोत जाँचें। अगर वह संदिग्ध है, अत्यधिक भावनात्मक है या क्लिकबेट हेडलाइन है - शेयर करने से पहले रोकें और जांचें।

फैक्ट चेक करें

Google Fact Check या Alt News जैसे विश्वसनीय टूल्स से खबरों की सच्चाई जांचें। इससे असली और झूठे में फर्क साफ़ दिखेगा।

छवियाँ भी झूठ बोलती हैं

फोटो और वीडियो भी एडिट या एआई से बनाए जा सकते हैं। रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग करें सत्यता जाँचने के लिए।

आलोचनात्मक सोच

सोचें - इस संदेश से किसे लाभ है? यह किन भावनाओं को भड़काता है? सवाल पूछना ही समझदारी की कुंजी है।

सोशल मीडिया जाल

एल्गोरिद्म वही दिखाते हैं जो आप पसंद करते हैं, जरूरी नहीं कि वह सच हो। विविध स्रोतों से समाचार पढ़ें।

विशेषज्ञ की जांच

हर विशेषज्ञ वास्तविक नहीं होता। उनके प्रमाणपत्र, संस्थान और विचारों की विश्वसनीयता जांचें।

जिम्मेदारी

शेयर करने से पहले सटीकता सुनिश्चित करें। झूठी जानकारी साझा करना गलत सूचना को और फैलाता है।

निष्कर्ष

मिथ्या सूचना के युग में जागरूकता ही शक्ति है। सवाल पूछें, सत्य खोजें और सोच-समझकर शेयर करें।

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