ऐतिहासिक दौरा

2025 में अमेरिकी सांसदों का एक द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल बीजिंग पहुंचा, जो 2019 के बाद पहला बड़ा दौरा था।

संवाद की बहाली

प्रतिनिधियों ने संवाद बहाल कर विवादों को गंभीर टकराव बनने से पहले नियंत्रित करने पर जोर दिया।

व्यापार व तकनीक

व्यापार और तकनीक चर्चा के केंद्र में रहे, जिसमें टैरिफ और चिप नियमों से वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हुई।

सुरक्षा मुद्दे

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य स्थिति और ताइवान को लेकर तनाव प्रमुख चर्चा का हिस्सा रहे।

पहला कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि संवाद की यह पहल आगे ठोस कार्रवाई पर निर्भर करेगी।

आर्थिक चुनौतियाँ

टैरिफ और निर्यात नियमों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर डाला है।

भूराजनीतिक दांव

वार्ता का एक उद्देश्य इंडो-पैसिफिक में तनाव और टकराव की आशंकाओं को कम करना था।

भविष्य की दिशा

इस दौरे की सफलता आगे की बातचीत और ठोस कदमों पर निर्भर करेगी।