2025 में अमेरिकी सांसदों का एक द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल बीजिंग पहुंचा। यह 2019 के बाद पहला बड़ा दौरा था जिसका उद्देश्य संवाद को पुनः शुरू करना और बढ़ते तनाव को कम करना था।

प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि उनका मुख्य मकसद वाशिंगटन और बीजिंग के बीच बातचीत की प्रक्रिया को दोबारा सक्रिय करना है ताकि विवादों को गंभीर टकराव बनने से पहले नियंत्रित किया जा सके।

व्यापार और तकनीक चर्चा के केंद्र में रहे। दोनों देशों ने स्वीकार किया कि टैरिफ, निर्यात प्रतिबंध और चिप संबंधी नियमों ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

सुरक्षा संबंधी मुद्दे भी एजेंडे में शामिल रहे, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य स्थिति, ताइवान को लेकर तनाव और अनजाने में टकराव की संभावना पर गंभीर चर्चा की गई।

हालांकि कोई बड़ी प्रगति घोषित नहीं की गई, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह नवीनीकृत संवाद एक अहम पहला कदम है और इसकी सफलता आगे की ठोस कार्रवाई पर निर्भर करेगी।

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