जानिए सात आसान, बिना खर्च के टिप्स जो भारतीय परिवार रोज़ाना अपनाकर समय बचाते, लागत घटाते और दबाव कम कर सकते हैं। छोटे बदलाव बड़े नतीजे देते हैं और किसी नई टेक की ज़रूरत नहीं होती।
बैच कुक
चावल, दाल और कटे हुए सब्ज़ियाँ एक बार में बनाकर फ़्रिज में रखें। इससे रोज़ाना खाना बनाने में कम समय, गैस या बिजली की बचत और महँगे बाहर के खाने से बचाव होगा।
सौर लाइट
दरवाज़ों और बालकनी में छोटे सौर लैंप लगाएं ताकि शाम में बिना बिजली बिल के रोशनी मिल सके। दिन में चार्ज होकर ये LED रात में घर को जलाये रखते हैं और कटौती के समय काम आते हैं।
ठंडा वॉश
कपड़े ठंडे पानी में धोएं और धूप में सुखाएं। ठंडा पानी ऊर्जा बचाता है और धूप से सूखने पर ब्यूटीफुल गंध और डिहाइड्रेशन कम होता है-ड्रायर के बिजली बिल से बचत।
मूल्य तुलना
ग्रोसरी या घरेलू सामान खरीदने से पहले लोकल WhatsApp ग्रुप या मार्केटप्लेस में कीमत चेक करें। समूह खरीद या ऑफर से लागत घट सकती है-कोई अतिरिक्त मेहनत या खर्च नहीं।
दोबारा उपयोग
काँच की जार, पुराना कपड़ा और सब्ज़ियों के छिलके दोबारा इस्तेमाल करें-स्टोरेज, सफाई और शोरबा बनाने में। ये छोटे उपाय खर्च और कचरे दोनों घटाते हैं।
वॉइस सहायक
फोन के स्थानीय भाषा वॉइस असिस्टेंट से रिमाइंडर, शॉपिंग लिस्ट या टाइमर सेट करें। टाइपिंग कम होगी और बुजुर्ग भी डिजिटल काम आसानी से कर पाएंगे बिना नए डिवाइस खरीदे।
शेड्यूल
परिवार में जिम्मेदारियाँ समय-आधारित बांटें-कुकिंग, सफाई और खरीदारी को दिनों में बाँट दें। एक साझा कैलेंडर केवल पिन करके तनाव और समय बर्बादी घटाई जा सकती है।
पड़ोसी साझेदारी
पड़ोस में उपकरण, सूक्ष्म खरीद या मदद बांटें। कम प्रयुक्त आयटम साझा करें और समूह में खरीद कर कीमतें कम करें-समुदाय मजबूत होगा और व्यक्तिगत खर्च घटेगा।
निष्कर्ष
एक-एक करके इन छोटी आदतों को अपनाएँ-आज एक ही ट्रिक आज़माएँ और देखें कैसे समय, पैसे और तनाव घटते हैं। छोटे बदलाव बड़ी बचत और बेहतर घराना बनाएंगे।