दिन 1

मैंने 7-दिन माइक्रोग्रीन्स चैलेंज शुरू किया। सिर्फ ट्रे, बीज और स्प्रे बोतल के साथ, लक्ष्य था-कम जगह में तेज़ी से ताज़े ग्रीन्स उगाना, वो भी बिना मिट्टी के झंझट के।

सेटअप

छोटी ट्रे, भिगोए हुए बीज और खिड़की के पास जगह-पूरा सेटअप 10 मिनट में तैयार हो गया। यह शुरुआत करने वालों और छोटे फ्लैट वालों के लिए परफेक्ट है।

अंधेरा

पहले 48 घंटों के लिए बीजों को ढककर रखा। इससे जर्मिनेशन तेज़ होता है, खासकर तब जब घर में धूप कम मिलती हो।

अंकुर

दिन 2 तक छोटे सफेद अंकुर दिखने लगे। न्यूनतम रोशनी के बावजूद ग्रोथ अच्छी थी-यह चैलेंज उम्मीद से आसान लगने लगा।

ग्रोथ

दिन 3 तक पौधे लम्बे और हल्के हरे हो गए। रोज़ हल्का स्प्रे काफी था। बिना मिट्टी के यह सेटअप बिल्कुल गंदगी-रहित था।

लाइट

साधारण LED लाइट के साथ ग्रोथ दोगुनी हो गई। माइक्रोग्रीन्स इनडोर लाइटिंग में शानदार तरीके से बढ़ते हैं।

दिन 5

ट्रे छोटी जंगल जैसी दिखने लगी। पत्तियाँ चमकीली और ताज़ी थीं-पूरी प्रक्रिया बेहद आसान और मज़ेदार थी।

हार्वेस्ट

दिन 7 तक माइक्रोग्रीन्स पूरी तरह तैयार थे। कैंची से काटते ही ताज़े, कुरकुरे और स्वादिष्ट ग्रीन्स की कटोरी मिल गई।

फ़ायदे

माइक्रोग्रीन्स पैसे बचाते हैं, कम जगह लेते हैं और सिर्फ एक हफ्ते में तैयार हो जाते हैं-फ्लैट या स्टूडियो अपार्टमेंट के लिए परफेक्ट।

शुरू करें

माइक्रोग्रीन्स उगाना तेज़, सस्ता और बेहद आसान है। क्या आप भी एक हफ्ते में अपने ताज़ा ग्रीन्स उगाने के लिए तैयार हैं?

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