हेरात की ग्रैंड जामा मस्जिद – 1200 ई. में घूरिड वंश ने बनवाई। मध्य एशिया की सबसे पुरानी और खूबसूरत मस्जिदों में से एक। अफगान इतिहास का जीता जागता हिस्सा।
फिर धरती डोली
15 मार्च 2025 – सुबह 6:42 बजे 6.8 तीव्रता का भूकंप। केंद्र हेरात से सिर्फ 35 किमी दूर। 25 साल में क्षेत्र का सबसे शक्तिशाली झटका।
7 सेकंड का खौफ 😱
चश्मदीद वीडियो: विशाल गुंबद और चारों मीनारें जोर-जोर से हिलीं… फिर धूल का विशाल बादल। 800 साल 7 सेकंड में मलबा बन गए।
2400 से ज्यादा मौतें
मरने वालों की संख्या 2400 पार, बढ़ रही। जिंदा जान जिले में मिट्टी की पूरी बस्तियाँ मिट गईं। सोते हुए परिवार मलबे में दब गए।
मलबे में बच्चे
दर्दनाक दृश्य: खाली हाथ खोदते रेस्क्यूअर। एक शख्स 14 घंटे बाद अपनी तीन बेटियों को जिंदा निकाल लाया – लेकिन हजारों को किस्मत ने नहीं छोड़ा।
तालिबान ने मदद मांगी
तालिबान ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया। 'हमारे पास मशीनरी नहीं' – दुनिया से टेंट, दवा, भारी उपकरण की गुहार। मदद धीरे-धीरे आ रही।
हेरात खंडहर
सबसे प्रभावित इलाकों में 90% घर तबाह। ऐतिहासिक किला क्षतिग्रस्त। UNESCO को डर – और सांस्कृतिक खजाने हमेशा के लिए दब गए।
देश शोक में
तीन दिन का राष्ट्रीय शोक। बचे लोग खुले में सो रहे, झटकों का डर। 'अल्लाह ने सब कुछ सेकंडों में ले लिया' – एक बुजुर्ग का दर्द।
क्या फिर बनेगी?
विद्वान और स्थानीय लोग ठान चुके – मस्जिद को वैसा ही बनाएंगे। लेकिन सर्दी आने वाली है और पैसे नहीं – रास्ता नामुमकिन सा लगता है।
याद रखें
800 साल की नमाजें 7 सेकंड में खामोश। शेयर करें उनकी याद को जिंदा रखने और अफगानिस्तान के सबसे काले वक्त में साथ देने के लिए 🕊️