दुर्घटना नहीं 🔥

ब्रेकिंग: हॉन्गकॉन्ग पुलिस कन्फर्म – वांग फुक कोर्ट में 83 की मौत वाली आग जानबूझकर लगाई गई। एक शख्स ने शुरू किया सब कुछ।

खुद कबूला

42 साल का बेरोजगार, उसी बिल्डिंग का रहने वाला थाने पहुंचा और बोला – '15वीं मंजिल पर मैंने आग लगाई थी।' पुलिस वाले हक्के-बक्के।

एक चिंगारी

सिगरेट लाइटर से ज्वलनशील सामग्री में आग लगाई। उसे पता था सस्ती क्लैडिंग बम की तरह फटेगी। 9 मिनट से कम में 23 मंजिल जल गई।

पागलपन की वजह

बदला। रेनोवेशन के शोर से तंग था, मैनेजमेंट ने शिकायतें अनसुनी की। बोला – 'मैं सबक सिखाना चाहता था।'

वो देखता रहा

सड़क पर खड़ा चिल्लाती जनता को विंडो से फिल्माता रहा। हंसता रहा जब पूरी बिल्डिंग मशाल बनी। वीडियो अपने फोन में सेव किया।

83 मासूम जानें

बच्चे, बूढ़े, पूरा परिवार जलकर राख। बचे लोग बताते हैं – उसने चिल्लाया था 'अब चुप रहोगे न!'

सबूत मिले

CCTV में दिखा वो एक्सेलरेंट खरीदता हुआ। घर से डायरी बरामद – 'आज सबकी कीमत चुकाएंगे।' 50 पेज का खौफनाक मेनिफेस्टो।

फांसी की मांग

हॉन्गकॉन्ग में आग का गुस्सा। #फांसीदो ट्रेंड कर रहा। विधायक फौरन फांसी वापस लाने की बात कर रहे।

कोर्ट में मुस्कुराया

पहली पेशी – जरा सा पछतावा नहीं, पीड़ित परिवारों को देखकर हंसा। जज ने साइकियाट्रिक टेस्ट ऑर्डर किया – शहर खून मांग रहा।

फिर कभी नहीं?

छोटी सी नाराजगी के लिए 83 जानें। क्या हॉन्गकॉन्ग अब हत्यारी क्लैडिंग बैन करेगा? शेयर करो अगर गुस्सा आ रहा है।